उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 6 नवंबर और 11 नवंबर को बिहार मूल के कर्मचारियों को विशेष सवैतनिक अवकाश (Special Paid Leave) दिया जाएगा। यह कदम उन सभी कर्मचारियों के लिए राहतभरा है जो उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं लेकिन उनका मूल निवास बिहार में है।
सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) की ओर से इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य है कि बिहार के मतदाता, जो रोजगार के सिलसिले में उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं, वे बिना किसी कठिनाई के अपने मतदान अधिकार का प्रयोग कर सकें।
बिहार चुनाव को लेकर दो चरणों में मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव वर्ष 2025 में दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं।
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पहला चरण: 6 नवंबर 2025 को होगा।
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दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
इन दोनों चरणों में बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 122 सीटों पर मतदान होना है। वहीं, मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी। चुनाव आयोग ने पहले ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बिहार मूल के अपने कर्मचारियों को मतदान के लिए विशेष अवकाश देने का निर्णय लिया।
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बिहार मूल के कर्मचारियों को सवैतनिक छुट्टी
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार, सभी सरकारी, अर्धसरकारी और निजी संस्थानों में कार्यरत बिहार मूल के कर्मचारियों को 6 और 11 नवंबर को अवकाश दिया जाएगा।
यह अवकाश सवैतनिक (Paid Leave) होगा, यानी इन दो दिनों की छुट्टी के दौरान कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। इसके साथ ही दैनिक श्रमिकों और निजी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को भी इस अवकाश का लाभ मिलेगा।
यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि बिहार के मतदाता बिना किसी आर्थिक दबाव के अपने गृह राज्य जाकर मतदान कर सकें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।
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आदेश के पालन के लिए सख्त निर्देश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) के कार्यालय की ओर से राज्य सरकार को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विभाग, संस्थान और नियोक्ता इस आदेश का सख्ती से पालन करें।
इस आदेश के तहत:
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संबंधित कार्यालयों के प्रमुख और नियंत्रक अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि eligible कर्मचारियों को छुट्टी दी जाए।
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किसी भी स्थिति में उनकी सैलरी नहीं काटी जाएगी।
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अवकाश देने में किसी तरह की देरी या भेदभाव नहीं होना चाहिए।
इस कदम से उन लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश आए हैं लेकिन उनका मतदान क्षेत्र बिहार में आता है।
सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में लागू होगा आदेश
यह आदेश केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि निजी कंपनियों, ठेकेदारों और दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों पर भी लागू होगा।
सभी नियोक्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन दो दिनों की छुट्टी के दौरान कर्मचारियों का वेतन न काटें और उन्हें मतदान के लिए समय दें। यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।
सरकार का मानना है कि जब प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार दिया गया है, तो उसे इस अधिकार का प्रयोग करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। इसलिए, यह फैसला लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने में मदद करेगा।
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गुरु नानक जयंती पर 5 नवंबर को रहेगा सार्वजनिक अवकाश
योगी सरकार ने पहले ही 5 नवंबर 2025 को गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
इस तरह, बिहार मूल के कर्मचारियों को लगातार दो दिन की छुट्टी (5 और 6 नवंबर) मिलेगी।
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5 नवंबर – गुरु नानक जयंती (सार्वजनिक अवकाश)
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6 नवंबर – बिहार चुनाव के पहले चरण के लिए विशेष अवकाश
इसके अलावा, 11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के दौरान भी छुट्टी दी जाएगी।
इस तरह, कर्मचारियों को 5, 6 और 11 नवंबर को तीन दिन का विश्राम मिलेगा, जिससे वे आराम से अपने गृह राज्य जाकर मतदान कर सकेंगे और फिर वापस कार्य पर लौट सकेंगे।
लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रयोग को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि यह नागरिकों के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को सशक्त करने का प्रतीक है।
कई बार रोजगार के कारण लोग अपने गृह राज्य में जाकर मतदान नहीं कर पाते। लेकिन इस पहल से अब ऐसे सभी कर्मचारी बिना किसी चिंता के मतदान कर सकेंगे।
यह निर्णय लोकतंत्र के “हर वोट मायने रखता है” सिद्धांत को मजबूत करता है। इससे मतदान प्रतिशत में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में कार्यरत बिहार मूल के कर्मचारियों में खुशी की लहर है। सरकारी दफ्तरों, निजी संस्थानों और दैनिक मजदूर वर्ग के बीच इस घोषणा का स्वागत किया जा रहा है।
कई कर्मचारियों ने इसे सरकार की जनहितैषी पहल बताया है। उनका कहना है कि इससे उन्हें अपने परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिलेगा और वे लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभा सकेंगे।
मुख्य उद्देश्य – लोकतांत्रिक भागीदारी को सुनिश्चित करना
राज्य सरकार के अनुसार, इस निर्णय का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मतदाता केवल नौकरी या रोज़गार की वजह से अपने मतदान अधिकार से वंचित न रहे।
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इसलिए सभी नियोक्ताओं और संस्थानों को सख्ती से निर्देश दिए गए हैं कि वे कर्मचारियों को अवकाश प्रदान करें ताकि वे स्वतंत्र रूप से बिहार जाकर मतदान कर सकें।
यह आदेश सरकार के “हर मतदाता – हर वोट” के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत होंगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम बिहार मूल के उन लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा जो यहां नौकरी कर रहे हैं। उन्हें अब मतदान के लिए बिहार जाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी, न ही उनके वेतन पर कोई असर पड़ेगा।
6 और 11 नवंबर को सवैतनिक अवकाश देकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक अपने मतदान के अधिकार का उपयोग बिना किसी बाधा के कर सके।
साथ ही 5 नवंबर के सार्वजनिक अवकाश के साथ यह सप्ताह कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से राहतभरा रहेगा।
यह पहल न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगी, बल्कि नागरिकों में मतदान के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ाएगी।
योगी सरकार का यह निर्णय लोकतंत्र की भावना को सशक्त करता है और नागरिक अधिकारों की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बिहार के मतदाता अब पूरी स्वतंत्रता के साथ अपने राज्य जाकर मतदान कर सकेंगे और अपने देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय योगदान दे सकेंगे।









